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    क्या होता है निपाह वायरस, जानें इसके लक्षण और बचाव

    By Umanath SinghEdited By:
    Updated: Sun, 08 Nov 2020 06:05 PM (IST)

    विशेषज्ञों की मानें तो निपाह वायरस मुख्यत चमगादड़ से फैलता है। ऐसे चमगादड़ को फ्रूट बैट कहा जाता है जो फल खाते हैं और अपनी लार को फल पर छोड़ देते हैं। ऐसे फल को खाने वाले जानवर अथवा इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।

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    निपाह के संक्रमण से 17 लोगों की मौत हो गई थी।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना काल में किसी नए वायरस का नाम सुनने से ही शरीर में सिरहन आ जाती है। इस वायरस ने सदी की सबसे बड़ी तबाही मचाई है। इससे पहले भी कई प्रकार के वायरस से लोगों का सामना हुआ है। इस लिस्ट में स्पेनिश फ्लू, निपाह वायरस, ज़ीका वायरस और माल्टा बुखार आदि शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक तबाही स्पेनिश फ्लू ने मचाई थी। जब इस वायरस से करोड़ों लोग काल के गाल में समा गए थे। वहीं, 2018 में निपाह वायरस ने केरल में दस्तक दी थी। उस समय निपाह के संक्रमण से 17 लोगों की मौत हो गई थी। इसे डेडली वायरस भी कहा जाता है, क्योंकि इस वायरस से संक्रमित 75 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो निपाह वायरस के लिए भी फ़िलहाल कोई दवा अथवा वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसके लिए बचाव ही सुरक्षा कवच है। अगर आपको निपाह वायरस के बारे में कुछ नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

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    क्या होता है निपाह वायरस

    विशेषज्ञों की मानें तो निपाह वायरस मुख्यत: चमगादड़ से फैलता है। ऐसे चमगादड़ को फ्रूट बैट कहा जाता है जो फल खाते हैं और अपनी लार को फल पर छोड़ देते हैं। ऐसे फल को खाने वाले जानवर अथवा इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।

    निपाह वायरस इतिहास

    रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह गांव में इस वायरस का सबसे पहले पता चला था। इस गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा। इस वायरस से सबसे अधिक दिमाग को नुकसान पहुंचता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार उस वक्त यह सूअर से इंसानों में फैला था। इसके बाद सिंगापूर में निपाह का मामला सामने आया था। वहीं, 2001 में भारत और 2004 में बांग्लादेश के कुछ लोग संक्रमित पाए गए थे।

    निपाह वायरस के लक्षण

    -तेज बुखार आना

    -सिरदर्द,

    -उल्टी और बेहोशी

    -सांस लेने में तकलीफ

    निपाह वायरस से बचाव

    -साफ़ सफाई का विशेष ख्याल रखें।

    -खाना खाने से पहले और खाने के बाद अपने हाथों को धोएं।

    -दूषित चीज़ों को खाने से बचें। खासकर दूषित खजूर को खाने से बचें।

    -पेड़ से गिरे दूषित फलों को बिल्कुल न खाएं।

    -संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें।

    - सूअर और सूअर पालन करने वाले लोगों के संपर्क में न आएं।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।